KYA DAN KARE KYA NA KARE :
यह सामान्य नियम है कि यदि आपकी कुंडली में कोई ग्रह उच्च का है अथवा सही
जगह पर है तो उस ग्रह के कारक वस्तुओं को दान अथवा उपहार में नहीं देना
चाहिए। दूसरी ओर इन ग्रहों से संबंधित वस्तुओं का उपहार लेना शुभ माना जाता
है। कुंडली में ग्रह यदि निम्न का है अथवा गलत स्थान पर है तो इन ग्रहों
के कारक वस्तुओं का दान या उपहार दिया जा सकता है लेकिन इन वस्तुओं का
उपहार या दान स्वीकार नहीं किया जा सकता। गणेशजी इस संबंध में विस्तृत
जानकारी दे रहे हैं!
सूर्यः
सूर्य पहले स्थान पर उच्च का होता है इसलिए ऐसे लोगों को गेहूं, तांबे तथा
गुड़ का दान नहीं करना चाहिए। सूर्य सातवें स्थान पर निम्न का हो जाता है
तथा आठवें स्थान पर कमजोर होता है। सूर्य से संबंधित वस्तुओं का दान करना
या उपहार देना उपयोगी होता है। एक चीज का ध्यान रखना चाहिए कि सूर्य के
कारक वस्तुओं का दान कभी भी सुबह या शाम के समय नहीं करना चाहिए । यह सूर्य
को कमजोर करता है। इसे दोपहर के समय दान करना चाहिए जब सूर्य मजबूत होता
है।
चंद्रः
यदि चंद्र उच्च का होता हैः
दूसरे स्थान पर – तो चांदी, दूध और चावल का दान या उपहार नहीं करना चाहिए।
चौथे स्थान पर – तो यहां भी चंद्र के दूसरे स्थान का ही नियम लागू होता है।
छठे स्थान पर – पानी या दूध का मुफ्त वितरण लाभदायक होगा।
चंद्र आठवें स्थान पर कमजोर होता है इसलिए चंद्र से संबंधित वस्तुओं का
दान तो करें लेकिन उपहार या दान के रुप में इसे स्वीकार नहीं करें।
बुधः
बुध छठें स्थान पर उच्च का होता है तो जिनका छठें स्थान पर बुध उच्च का है
वे बुध से जुड़ी वस्तुएं जैसे फूल, ग्लास से बनी वस्तुएं, संगीत उपकरण आदि
का उपहार ना दें।
बुध 12वें स्थान पर निम्न का होता है इसलिए बुध की वस्तुओं का दान या उपहार देना फलदायक होता है।
गुरुः
चौथा स्थान- किताब, सोना आदि का दान या उपहार ना दें। इससे परिणामस्वरुप शिक्षा में परेशानी हो सकती है।
7 वां स्थान- किसी भी साधु संत को नए कपड़े दान में ना दें।
10 वां स्थान – जब गुरु दसवें स्थान पर हो तथा चंद्र चौथे स्थान पर रह कर
गुरु को देख रहा हो ऐसे व्यक्ति को किसी धार्मिक स्थान पर निर्माण कार्य के
लिए दान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से उसपर गलत आरोप लग सकते हैं।
शुक्रः
शुक्र छठें स्थान निम्न का होता है। ऐसे लोगों को कपड़े, प्रसाधन के सामान तथा इत्र आदि का उपहार देना चाहिए।
12 वां स्थानः शुक्र 12वां स्थान पर उच्च का होता है इसलिए ऐसे लोगों को उपरोक्त वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए।
शनिः
शनि पहले स्थान पर कमजोर होता है इसलिए मदिरा, चमड़े से बने सामान का उपहार
तथा किसी धार्मिक स्थान पर सीमेंट का दान देना शुभ होगा। मुफ्त मदिरा का
सेवन करना गलत परिणाम देगा।
8 वां स्थानः यदि कोई यात्रियों को मुफ्त रहने के लिए धर्मशाला का निर्माण करता है तो यह कदम उसे गृहविहीन कर सकता है।
राहूः
राहू पहले, दूसरे, 5वें, 7वें तथा 9वें स्थान पर अशुभ माना जाता है इसलिए
बिजली के उपकरण, हाथीदांत से बने सामान तथा सीसा आदि का उपहार स्वीकार नहीं
करना चाहिए।
केतुः
केतु तीसरे, छठवें तथा आठवें स्थान पर
अशुभ होता है इसलिए केला, पालतू जानवर जैसे कुत्ता आदि नहीं स्वीकार करना
चाहिए। इसका दान किया जा सकता है।
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